बुधवार, 10 सितंबर 2014

यह कैसा नशा है

यह कैसा नशा है कि आप लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ करते है। धूम्रपान करते हुए यह भी नहीं सोचते कि आपकी यह हरकत औरों के लिए जानलेवा साबित हो सकती है । धन्य है भारत ने सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान कि सजा 20 हजार रुपये निर्धारित की है । अब तक यह जुर्माना राशि मात्र 200 रुपये थी।  अब सवाल उठता है कि इसकी पालना कितनी सख्ती से होती है ? कहीं ऐसा तो नहीं कि यह भी भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ जाएगी और इसकी पालना कराने वाले योजना के नाम पर अन्य योजनाओं की भांति अपनी जेबें  गरम करेंगे।

दिल्ली सरकार के पूर्व प्रधान सचिव रमेशचन्द्र की अध्यक्षता वाली विशेष समिति ने तंबाकू सेवन की न्यूनतम आयु 18 वर्ष से बढ़कर 25 करते हुए तंबाकू उत्पादों पर सचित्र चेतावनी का आकार 80 प्रतिशत बढ़ाने की सिफ़ारिश की है । पालन नहीं करने वाले निर्माताओं पर जुर्माना 5000 से बढ़ाकर 50,000 रुपये करने को कहा गया है। अब फैसला लागू कराने का दायित्व जागरूक जनता का है।आप अपने दिल पर हाथ रख कर सोचिए कि कितने जागरूक हैं । --फारूक आफरीदी 

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